पुस्तक के बारे में – -क्या आप कभी अपने लिंग की वजह से हिंसा,घृणा,उत्पीड़न या पीड़ा के शिकार हुए हैं…
? -नारीवादी होने या नारीवादी आदर्शों पर चलने का मतलब है उन चीजों के बारे में संघर्ष करना जो मायने रखती हैं । -यदि आप अपने अधिकारों के लिए संघर्ष के बारे में और जानना चाहते हैं और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष में सहायता करना चाहते हैं तो यह मार्गदर्शिका आपके लिए है । -जानिये कि एक नारीवादी कैसे बनें -जानिये कि अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कैसे करें -जानिये कि समानता और समान वेतन के लिए संघर्ष कैसे करें -और भी बहुत कुछ जानिये कि जहां आपकी बहुत अधिक ज़रुरत है वहां मनुष्यता की सहायता कर आप इतिहास में सही पक्ष के साथ किस तरह खड़े हो सकते हैं। अस्वीकृति इस पुस्तक की विषयवस्तु की सटीकता, पूर्णता और औचित्य के बारे में यह लेखक और, या अधिकारों के स्�
Romain Rolland was strongly influenced by the Vedanta philosophy of India, primarily through the works of Swami Vivekananda. He gives…
a brief sketch of the lives of Ramkrishna and Vivekananda and introduces the vedanta philosophy to the readers. Readers also know the life and journeys of Swami Vivekananda.