पुस्तक के बारे में – -क्या आप कभी अपने लिंग की वजह से हिंसा,घृणा,उत्पीड़न या पीड़ा के शिकार हुए हैं…
? -नारीवादी होने या नारीवादी आदर्शों पर चलने का मतलब है उन चीजों के बारे में संघर्ष करना जो मायने रखती हैं । -यदि आप अपने अधिकारों के लिए संघर्ष के बारे में और जानना चाहते हैं और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष में सहायता करना चाहते हैं तो यह मार्गदर्शिका आपके लिए है । -जानिये कि एक नारीवादी कैसे बनें -जानिये कि अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कैसे करें -जानिये कि समानता और समान वेतन के लिए संघर्ष कैसे करें -और भी बहुत कुछ जानिये कि जहां आपकी बहुत अधिक ज़रुरत है वहां मनुष्यता की सहायता कर आप इतिहास में सही पक्ष के साथ किस तरह खड़े हो सकते हैं। अस्वीकृति इस पुस्तक की विषयवस्तु की सटीकता, पूर्णता और औचित्य के बारे में यह लेखक और, या अधिकारों के स्�
बच्चों की सही परवरिश में माँ-बाप का बहुत बड़ा हाथ होता है| बच्चों के साथ हमेशा प्रेमपूर्वक व्यवहार ही करना…
चाहिए ताकि उन्हें अच्छे संस्कार प्राप्त हो| माँ-बाप बच्चों का व्यवहार सदैव मित्राचारी का होना चाहिए| यदि माँ-बाप बच्चों के साथ डाट कर या मार कर व्यवहार करेंगे तो बच्चे निश्चित ही उनका कहा नहीं मानेंगे और गलत रास्ते पर चढ जाएँगे| माँ-बाप के उच्च संस्कार ही घर में आनंद और शान्ति का माहौल खड़ा कर सकते है| माता पिता का कर्तव्य है कि वह बच्चों की मनोस्थिति को जानकार उसके अनुसार उनके साथ वर्तन करे| आज के ज़माने में टीनएजर्स को संभालना अत्यंत मुश्किल हो गया है| किस तरह से माँ-बाप उनके साथ व्यवहार करे ताकि उन्हें अच्छे संस्कार मिले और वह किसी गलत रास्ते पर ना चले, इस बात कि पूरी समझ हमें इस पुस्तक में मिलती है जिसमें दादाजी ने हमें माँ-बाप बच्चों के सम्बन्ध सुधारने के लिए बहुत सारी चाबियाँ दी है|