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Samkalin Bharat Bhag-1 class 9 - NCERT - 23: समकालीन भारत भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
Par Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
समकालीन भारत 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया…
है, इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।Ganit Ka Jadu class 5 - NCERT - 23: गणित का जादू ५वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
Par Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
यह पुस्तक कक्षा V में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय…
पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। इसके लिए उन्हें एक ऐसी कक्षा की आवश्यकता होगी जिसमें वे विचार विमर्श कर सकें, समस्याओं के हल खोजें, नए प्रश्न बनाकर केवल उनको हल करने की विधियाँ विकसित करके उन्हें हल ही न करें, अपितु स्वयं को समझ में आने वाली अपनी भाषा में परिभाषाएँ भी बना सकें। जरूरी नहीं है कि ये परिभाषाएँ, आदर्श परिभाषाओं की तरह व्यापक और परिपूर्ण हों। बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस कोशिश को और गहराने के यत्न में यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है।Ganit Ka Jadu class 3 - NCERT - 23: गणित का जादू ३रीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
Par Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
यह पुस्तक ३रीं कक्षा में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय…
पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। दैनिक समय-सारणी में लचीलापन उतना ही जरूरी है जितना वार्षिक कैलेंडर के अमल में चुस्ती, जिससे शिक्षण के लिए नियत दिनों की संख्या हकीकत बन सके। शिक्षण और मूल्यांकन की विधियाँ भी इस बात को तय करेंगी कि यह पाठ्यपुस्तक स्कूल में बच्चों के जीवन को मानसिक दबाव तथा बोरियत की जगह खुशी का अनुभव बनाने में कितनी प्रभावी सिद्ध होती है। बोझ की समस्या से निपटने के लिए पाठ्यक्रम निर्माताओं ने विभिन्न चरणों में ज्ञान का पुनर्निर्धारण करते समय बच्चों के मनोविज्ञान एवं अध्यापन के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने की पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस कोशिश को और गहराने के यत्न में यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है।Ganit Ka Jadu class 4 - NCERT - 23: गणित का जादू ४थीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
Par Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2022
यह पुस्तक कक्षा IV में प्रारंभ की गई प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हुए उसे आगे जारी रखती है। राष्ट्रीय…
पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 (NCF- 2005) में निहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा की थी। इन मुद्दों में शामिल थे, गणित को बच्चों की क्षमताओं के विकास से जोड़ना तथा जटिल परिकलनों के अनुसरण समझ एवं समझ की रूपरेखा का निर्माण करना। बच्चों के मस्तिष्क में गणितीय विचार केवल बताने या व्याख्याएँ देने से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों को गणित सीखने, गणित में आत्मविश्वास जागृत करने तथा उसके मूलभूत विचारों को समझने के लिए उन्हें अवधारणाओं की अपनी स्वयं की एक रूपरेखा बनानी चाहिए। इसके लिए उन्हें एक ऐसी कक्षा की आवश्यकता होगी जिसमें वे विचार विमर्श कर सकें, समस्याओं के हल खोजें, नए प्रश्न बनाकर केवल उनको हल करने की विधियाँ विकसित करके उन्हें हल ही न करें, अपितु स्वयं को समझ में आने वाली अपनी भाषा में परिभाषाएँ भी बना सकें। जरूरी नहीं है कि ये परिभाषाएँ, आदर्श परिभाषाओं की तरह व्यापक और परिपूर्ण हों।Bharat Ka Sangharsh - 1920-42: भारत का संघर्ष: १९२०-४२
Par Subhash Chandra Bose. 2023
1857 की क्रांति के बाद गोरों को समझ आ गया कि वे केवल बर्बर बल प्रयोग के आधार पर लंबे…
समय तक भारत में नहीं टिक पाएँगे, इसलिए उन्होंने देश को निहत्था करना शुरू कर दिया। हमारे पूर्वजों की दूसरी सबसे बड़ी मूर्खता और गलती यह रही कि उन्होंने अंग्रेजों की इस करतूत को सिर झुकाकर स्वीकार कर लिया। अगर उन्होंने अपने हथियार इतनी आसानी से नहीं सौंपे होते तो 1857 के बाद से भारत का इतिहास संभवत आज के इतिहास से भिन्न होता। भारत में युवा पीढ़ी पिछले 20 सालों के अनुभव से यह सीख चुकी है कि सविनय अवज्ञा आंदोलन एक विदेशी प्रशासन को बंधक बना सकता है या पंगु तो कर सकता है, लेकिन बिना भौतिक बल के यह उसे उखाड़कर नहीं फेंक सकता या निष्कासित नहीं कर सकता। एक अंतिम चरण आएगा, जब सक्रिय प्रतिरोध सशस्त्र क्रांति में विकसित हो जाएगा, तब भारत में ब्रिटिश शासन का अंत होगा। इसी पुस्तक से यह पुस्तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख राजनीतिक अध्ययन है, जिसमें उनकी स्वयं अपनी एक प्रमुख भूमिका थी। यह पुस्तक असहयोग और खिलाफत आंदोलनों के घुमड़ते बादलों से लेकर तूफान का रूप लेनेवाले 'भारत छोड़ो' तथा आजाद हिंद आंदोलनों तक का विशद और विश्लेषणात्मक विमर्श उपलब्ध कराती है। नेताजी की दूरदर्शिता, चिंतन और राष्ट्रीय भाव को रेखांकित करती एक पठनीय कृति।Vajpayee - Ek Rajneta ke Agyat Pehlu: वाजपेयी: एक राजनेता के अज्ञात पहलू
Par Ullekh P.. 2017
सांसद में नेहरूवाद से मिलते-जुलते अपने 'धर्मनिरपेक्ष' बयानों के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी यदा-कदा कट्टरपंथी जमात में थोड़ी घुसपैठ कर…
जाते थे। 1983 में उन्होंने असम चुनावों के दौरान भड़काऊ भाषण दिया जिससे प्रदेश में 'बांग्लादेशी विदेशियों' की मौजूदगी बड़ा मुद्दा बन गया। यहां तक कि भाजपा ने भी वाजपेयी के भाषण से किनारा कर लिया। संभवतः इस भाषण के कारण उस वर्ष असम के नल्ली में 2000 से अधिक लोगों का संहार हुआ, जिनमें से ज़्यादातर मुस्लिम थे। वाजपेयी भारत के चतुर राजनेताओं में से एक हैं और उन्हें कई तरह की विरोधाभासी बातें करने के लिए जाना जाता है : उग्रवादी राष्ट्रवादी से अपने गुप्त पारिवारिक जीवन तक, साम्यवाद के प्रति रुझान, भोजनप्रियता और यदि स्वयं को उदारवादी के रूप में पेश न कर सके तो मध्यमार्गी की तरह पेश करने तक। यह पुस्तक वाजपेयी के करियर के अहम पड़ावों और एक अनुभवी राजनेता के रूप में उनकी विशेषताओं को खंगालती हुई उनके अपनी पार्टी के नेताओं से संबंधों और आरएसएस तथा उसके सहयोगी संगठनों के साथ प्रेम व् द्वेष वाले संबंधों पर नज़र डालती है। बेहतरीन शोध, पुख़्ता तथ्यों से समर्थित तथा अंतर्कथाओं और उपाख्यानों के साथ, अंतर्दृष्टियों से युक्त साक्षात्कारों तथा सहेजने योग्य छायाचित्रों से सज्जित यह पुस्तक एक कवि-राजनेता के जीवन की झलक पेश करती है।Tilismaa Avishvasniya Mayajal: तिलिस्मा अविश्वसनीय मायाजाल
Par Shivendra Suryavanshi. 2021
मायाजाल- एक ऐसा शब्द, जो हमारी आँखों के सामने रहस्यों से भरी पहेलियों का एक संसार खड़ा कर देता है।…
जहां एक ओर गणितीय उलझनें होती हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी वैचारिक पहेलियां, जिनमें उलझना अधिकांशतः लोगों को पसंद होता है। पर क्या हो? जब ऐसी उलझनों और पहेलियों के मध्य आपका जीवन दाँव पर लगा हो। अर्थात अगर आप इन उलझनों को पार ना कर पायें, तो आप हमेशा-हमेशा के लिये इस मायाजाल में कैद हो जाएं। इस पुस्तक में कुछ मनुष्यों के सामने, कुछ ऐसी ही मुसीबतें खड़ी हैं।ऐसे ही अनगिनत सवालो का जवाब है यह पुस्तक। रहस्य, रोमांच, तिलिस्म और साहसिक कार्यों से भरपूर, एक ऐसा हिंदी कथानक, जो विज्ञान के इस युग में भी ईश्वरीय शक्ति का अहसास दिलाता है।Samajik Vigyan Itihas Evam Nagarik Shastra Bhag-1 class 8 - SCERT Raipur - Chhattisgarh: सामाजिक विज्ञान इतिहास एवं नागरिक शास्त्र भाग-१ ८वीं कक्षा - एस
Par Raipur, C. G., Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2023
सामाजिक विज्ञान इतिहास एवं नागरिक शास्त्र भाग 1 पाठ्यपुस्तक कक्षा 8वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर…
ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक में भूगोल, इतिहास, नागरिकता एवं अर्थशास्त्र के पाठों का समावेश किया गया है। इस पुस्तक में इतिहास और नागरीकशास्त्र का अध्ययन किया गया है। इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ राज्य के संसाधनों के साथ ही छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में स्थानीय इतिहास का भी समावेश है। इस पुस्तक में विषयवस्तु को समझने के लिए निर्देश दिये गए हैं चित्र देखिए, मानचित्र टांगिए, तुलना कीजिए। इसके साथ-साथ विषयवस्तु को स्थानीय परिवेश से जोड़ने का प्रयास किया गया है। आवश्यकतानुसार प्रश्नों को भी समाहित किया गया है। पुस्तक में प्रत्येक पाठ का पूर्व के पाठों से संबंध जोड़ने का प्रयास भी है, उसके पश्चात आगे का ध्यान दिया गया है। पाठों में मूल्य शिक्षा, सामाजिकता, पर्यावरण संरक्षण तथा राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं को बताने का सार्थक प्रयास किया गया है।Sahayak Vachan class 8 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: सहायक वाचन ८वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़
Par Raipur, C. G., Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad. 2023
पाठ्य सामग्री का चुनाव छात्रों की मानसिक क्षमता व रूचि को ध्यान में रखकर किया गया है। केन्द्रित शिक्षाक्रम में…
सम्मिलित मूल्यों के समावेश का पाठों के चयन में विशेष ध्यान रखा गया है। कक्षा 8वीं में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक को विषय 'हिन्दी - छत्तीसगढ़ भारती' में सहायक पुस्तक के रूप में स्वीकृत किया गया है, इससे बच्चों में पठन, वाचन, तर्क एवं चिंतन क्षमता विकसित होगी। प्रत्येक पाठ के अन्त में विस्तृत प्रश्न और अभ्यास दिए गए है जिनसे छात्रों को पठित वस्तु को समझने, उस पर विचार करने की योग्यता और भाषा का प्रभावी प्रयोग करने में सहायता मिलेगी व क्रियात्मक अभ्यासों की गतिविधियाँ करने से भाषाई दक्षताओं का विकास हो सकेगा। पुस्तक के अन्त में शब्दार्थ भी दिए गए हैं। भाषा शिक्षण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को ज्ञान और आनन्द की प्राप्ति हो। यह एक संकलित दस्तावेज है और दस्तावेजों (पुस्तक) में प्रयुक्त शब्दों में बदलाव नही किया जा सकता है, अतः माननीय न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए दस्तावेज में प्रयुक्त मूल शब्दों के साथ ही इसे मुद्रित कराया गया है।Safalta Prapti Ke Swarnim Sutra: सफलता प्राप्ति के स्वर्णिम सूत्र
Par Sudhir Dixit. 2017
हम सभी को सदा प्रेरणा और प्रोत्साहन की ज़रुरत होती है। हमारे आस-पास ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो…
यह काम नियमित रूप से कर सकें। यह पुस्तक आपको प्रेरित करने के लिए ही लिखी गई है, और वह भी तुरंत। सफलता के ये प्रेरणादायी कथन सभी महत्वाकांक्षी लोगों के लिए उपयोगी हैं, लेकिन ये उन क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए ज़्यादा उपयोगी हैं, जहाँ प्रेरणा और प्रोत्साहन की ज़रुरत अधिक होती है- जैसे सेल्स, प्रबंधन, व्यवसाय, करियर, फ्रीलान्सिंग, नेतृत्व, नेटवर्क मार्केटिंग आदि। पुस्तक में शामिल कुछ प्रेरक कथन: सच्ची सफलता के लिए खुद को ये चार सवाल पूछें - क्या? क्यों नहीं? मैं क्यों नहीं? अभी क्यों नहीं? जीवन के दो नियम होते हैं - कभी कोशिश मत छोड़ो और हमेशा इस बात को याद रखो। आप किसी को सीढ़ी पर तब तक ऊपर नहीं चढ़ा सकते जब तक कि वह खुद न चढ़ना चाहे। लीडर के रूप में उत्साही बनें। आप गीली दिया- सिलाई से आग नहीं जला सकते। औसत सेल्समैन एक साल में एक पुस्तक भी नहीं पढ़ता है, इसलिए वह औसत सेल्समैन रहता है। अपने काम को बेहतर तरीके से करें, मलाई अपने आप ऊपर आ जाएगी। ग्राहक आपके नहीं, उनके कारणों से ख़रीदते हैं। आपकी पोशाक आपके बोलने से पहले ही बोल देती है।Red Beret: रेड बैरेट
Par Vivek Agrawal. 2021
प्रियदर्शिनी जिद्दी, अक्खड़ और स्वाभिमानी महिला हैं, जिनके लिए भारत की संप्रभुता सबसे ऊपर है। वे किसी देश के सामने…
झुकने के लिए तैयार नहीं हैं, जो अमरीकी हुक्मरानों को रास नहीं आता। अमरीका ने खतरनाक सीआईए एजंट रॉबर्ट को प्रियदर्शिनी वध का जिम्मा सौंप रखा है। उसकी हर साजिश को रेड बैरेट नाकाम करती है। रॉबर्ट 22 बार हमले की योजनाएं बनाता है, हर हमले का उसे रेड बैरेट से मुंहतोड़ जवाब मिलता है। रेड बैरेट का मुख्य काम भारतीय प्रधानमंत्री प्रियदर्शिनी की जीवनरक्षा है। सेना के विभाग टेक्टिकल एक्शन ग्रुप (टेग) के बैनर तले काम करने वाले अज्ञात ग्रुप का कोड नेम रेड बैरेट है। इसके मुखिया ब्रिगेडियर विशंभर दयाल हैं, जो सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। जरूरत पड़ने पर आर्मी चीफ से निर्देश लेते हैं। रेड बैरेट के पास सिर्फ एक काम है - हर हाल में प्रधानमंत्री की रक्षा, देश के खिलाफ जारी कुचक्र रोकने और तोड़ने के लिए किसी भी हद तक जाना, दुश्मनों के एक्टिव होते ही दबोच कर सूचनाएं हासिल करना, दुश्मनों को पकड़ना संभव न हो, तो मार गिराना। रेड बैरेट के लिए सीमाओं का बंधन नहीं है। इन्हें सारी दुनिया में, कहीं भी, कोई भी, काम करने के लिए मुक्त रखा गया। टीम में 25 प्रमुख सदस्य हैं, जो सारा काम करते हैं। कभी-कभी सेना के अन्य डिवीजन या बटालियनों से साथी लिए जाते हैं। उन्हें काम होने के बाद छोड़ देते हैं। उन्हें नहीं बताया जाता कि रेड बैरेट में कौन-क्या करता है। रेड बैरेट उपन्यास पूरे घटनाक्रम का रोमांचक और लोमहर्षक वर्णन पेश करता है। भारतीय सैन्य खुफिया इकाई की जाबांजी के तमाम किस्सों में से कुछ रेड बैरेट में पेश करता है।Operation Khukri: ऑपरेशन खुकरी
Par Major General Rajpal Punia and Damini Punia. 2021
क्या आप जानते हैं कि अफ्रीका के जंगलों में भारतीय सेना के 233 जवान लगभग तीन महीने तक की घेराबंदी…
में फँस गए थे और उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था? कैसे संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना का अभियान भारतीय तिरंगे के गौरव की रक्षा के लिए एक युद्ध में बदल गया? वर्ष 2000 की बात है। पश्चिम अफ्रीका का सिएरा लिओन बरसों के गृहयुद्ध से तबाह हो चुका था। संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से भारतीय सेना की दो कंपनियों को संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियान के अंतर्गत कैलाहुन में तैनात किया गया था। ‘ऑपरेशन खुकरी’ भारतीय सेना के सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय अभियानों में से एक था। यह पुस्तक मेजर राजपाल पुनिया के प्रत्यक्ष अनुभवों की रोचक एवं सजीव प्रस्तुति है। मेजर पुनिया ने तीन महीने के गतिरोध और विफल कूटनीति के बाद इस अभियान को अंजाम दिया, और इस दौरान घात लगाकर बैठे आर.यू.एफ. से दो बार लंबा जंगल-युद्ध करने के बाद भी वे बिना नुकसान सभी 233 सैनिकों के साथ सुरक्षित लौट आए।Meluha Ke Mritunjay: मेलूहा के मृत्युंजय
Par Amish Tripathi. 2008
जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है,…
जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।क्या वह रूखा एवं खुरदुरा तिब्बती प्रवासी शिव सचमुच ही महानायक है? और क्या वह महानायक बनना भी चाहता है अथवा नहीं? अपने प्रारब्ध एवं कर्तव्य की ओर खिंच जाने वाले एवं साथ ही प्रेम से प्रेरित शिव क्या सूर्यवंशियों के प्रतिशोध में उनका नेतृत्व करेंगे और बुराइयों का नाश करेंगे?यह शिव रचना त्रयी की प्रथम पुस्तक है। शिव एक साधारण मनुष्य है जिसके कर्म उसे देवों के देव महादेव में परिवर्तित कर देते हैं।Mayavan - Ek Rahasyamay Jungle: मायावन - एक रहस्यमय जंगल
Par Shivendra Suryavanshi. 2021
माया सभ्यता अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में गिनी जाती है, जिसके प्राप्त अवशेषों में भगवान शिव, गणेश और नरसिंह…
आदि देवताओं की मूर्तियां प्रचुर मात्रा में पायी गयी हैं। भारतवर्ष से इतनी दूर आखिर कैसे हिंदू सभ्यता विकसित हुई? यह आज भी रहस्य बना हुआ है। कुछ पुरातत्वविद् माया सभ्यता का सम्बन्ध दैत्यराज मयासुर से जोड़ते हैं। मयासुर, एक ऐसा दैत्य, जिसे उसके अद्भुत निर्माणकार्य के लिये देवताओं ने भी सराहा। तारकासुर के समय में ‘त्रिपुरा’नामक 3 भव्य नगरों का निर्माण, दैत्यराज वृषपर्वन के लिये बिंदुसरोवर के निकट अद्भुत सभाकक्ष का निर्माण, रामायणकाल में रावण के लिये सोने की लंका का निर्माण एवं महाभारतकाल में पांडवों के लिये, खांडवप्रस्थ के वन में अकल्पनीय इन्द्रप्रस्थ का निर्माण मयासुर की अद्भुत शिल्पकला की कहानी कहतें हैं। रावण की पत्नि मंदोदरी का पिता मयासुर, वास्तुशिल्प और खगोलशास्त्र में प्रवीण था। खगोलशास्त्र के क्षेत्र में मयासुर ने भगवान सूर्य नारायण से विद्या सीखकर ‘सूर्य सिद्धान्तम’की रचना की। आज भी हम ज्योतिष शास्त्र की गणनाएं सूर्य सिद्धान्तम के आधार पर ही करते हैं। महादेव के इस परमज्ञानी शिष्य ने किस प्रकार की ये अद्भुत रचनाएं? क्या भगवान शिव की पारलौकिक शक्तियां मयासुर के पास थीं? तो दोस्तों तैयार हो जाइये, इस कथानक के अद्भुत संसार में डूब जाने के लिये, जहां का हर एक दृश्य आपको वस्मीभूत कर देगा। हिमालय की गुफाओं से माया सभ्यता तक, ग्रीस के ओलंपस पर्वत से अंटार्कटिका की बर्फ की चादर तले फैले, एक अविश्वसनीय और अद्वितीय कथानक को पढ़ने के लिये।Mahanayak: महानायक
Par Vishwas Patil. 2015
यह उपन्यास एक 'महान कलाकृति' है मात्र इतना कह देने से इसका उचित मूल्यांकन नहीं होता! मै निःसंदेह रूप से…
कहना चाहता हूँ कि इस शताब्दी की यह सर्वश्रेष्ठ है - वसंत कानेटकर सुभाषचंद्र बोस के जीवन और कर्म पर केन्द्रित 'महानायक' एक श्रेष्ठ भारतीय उपन्यास है! इसमें विश्वास पाटिल ने भारत के एक ऐसे श्रेष्ठ व्यक्तित्व को नायक के रूप में चुना है जो किसी भी महाकाव्य का महानायक बन सकता है सुभाषचन्द्र बाबु उन महामनवों में से एक थे जिन्हें तीव्र बुद्धि, भावनाओं ऊर्जा, प्रखर चिंतनक्षमता जन्म से प्राप्त थी और अपनी पराधीन भारतमाता को स्वतंत्र करने के भव्य स्वप्न से जिनके व्यक्तित्व का अणु-अणु उत्तेजित रहता था! उन्होंने पश्चिमी ज्ञान और विधा को आत्मसात किया था, साथ ही भारत की उर्जस्वनी अध्यात्मिक परम्परा जो रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद से छनकर आयी थी, उनके व्यक्तित्व एवं क्रतित्व का मूल स्त्रोत थी! सुभाष का ऐसा व्यक्तित्व था जिसकी जबरदस्त कशिश ने हिटलर से लेकर जापान के प्रधानमंत्री तोजो तक को प्रभावित किया था और जिसके भय ने चर्चिल जैसे नेताओं की नींद हराम कर दी थी!Kala Pani: काला पानी
Par Vinayak Savarkar. 2008
काला पानी की भयंकरता का अनुमान इसी एक बात से लगाया जा सकता है कि इसका नाम सुनते ही आदमी…
सिहर उठता है। काला पानी की विभीषिका, यातना एवं त्रासदी किसी नरक से कम नहीं थी। विनायक दामोदर सावरकर चूँकि वहाँ आजीवन कारावास भोग रहे थे, अत: उनके द्वारा लिखित यह उपन्यास आँखों-देखे वर्णन का-सा पठन-सुख देता है। इस उपन्यास में मुख्य रूप से उन राजबंदियों के जीवन का वर्णन है, जो ब्रिटिश राज में अंडमान अथवा 'काला पानी' में सश्रम कारावास का भयानक दंड भुगत रहे थे। काला पानी के कैदियों पर कैसे-कैसे नृशंस अत्याचार एवं क्रूरतापूर्ण व्यवहार किए जाते थे, उनका तथ वहाँ की नारकीय स्थितियों का इसमें त्रासद वर्णन है। इसमें हत्यारों, लुटेरों, डाकुओं तथा क्रूर, स्वार्थी, व्यसनाधीन अपराधियों का जीवन-चित्र भी उकेरा गया है। उपन्यास में काला पानी के ऐसे-ऐसे सत्यों एवं तथ्यों का उद्घाटन हुआ है, जिन्हें पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।Indian Business Women: इंडियन बिझनेस वूमैन
Par Suman Vajpayee. 2023
प्रस्तुत पुस्तक में उद्यम-जगत् में अपना वर्चस्व कायम कर चुकी कुछ महिलाओं की निजी व प्रोफेशनल जिंदगी की प्रेरक घटनाओं…
का विवेचन किया गया है। इन महिलाओं का जीवन, सोच एवं मेहनत प्रेरणाप्रद है और इससे नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। स्त्री-शक्ति को सही मायने में उद्घाटित करती नारी का सम्मान बढ़ानेवाली लोकप्रिय पुस्तक।I Love Money: आय लव मनी
Par Suresh Padmanabhan. 2023
12 भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवादित "I love money" का हिंदी अनुवादजब आप धन-दौलत के बारे में सोचते हैं…
तो उसमें वृद्धि होने लगती हैसुरेश पदमनाभन को धन विषय में अधिकारपूर्वक कहने का अनुभव और विशेषज्ञता प्राप्त है।- द टाइम्स ऑफ़ इंडियायह पुस्तक धन के साथ हमारे संबंधों की मौलिक रूपरेखा प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक को आप जब भी पढ़ेंगे तो आपको याद आएगा कि जब पैसा, व्यक्तिगत शक्ति और व्यापक बल आपके साथ होंगे तो आपको जीवन में संतुलित और सामंजस्यपूर्ण विकास की अनुभूति होगी।धन से जुड़ी ऐसी कई तकनीकें और सूत्र हैं जिन्हें मिनी वर्कशॉप (रुपय की कार्यशाला) में पहले आज़माया जा चुका है। आपको स्वयं कुछ नया खोजने की ज़रुरत नहीं है; इन तकनीकों का सूत्रों के माध्यम से आपका जीवन सरल और सुखमय बन सकता है।इस पुस्तक में आपको ऐसे कई विचार और अवधारणाएं मिलेंगी जो आपको पसंद आएँगी और जिन्हें आप स्वीकार भी करेंगे; क्योंकि आपको ऐसा महसूस होगा जैसे ये सभी विचार आपके अपने ही हैं।Kurukshetra September 2023: कुरुक्षेत्र सितंबर २०२३
Par Publications Division. 2023
कुरुक्षेत्र के इस अंक में मेक इन इंडिया पर चर्चा की गई है। भारत सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप देश…
के आर्थिक विकास में तेजी आई है और अंतर्राष्ट्रीय मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। संक्षेप में, मेक इन इंडिया पर आधारित इस अंक में इस अभियान की 9 वर्षों की विकास यात्रा का आकलन करने के साथ-साथ इसके मार्ग में आ रही चुनौतियों और उपलब्धियों को भी प्रस्तुत किया है। साथ ही, मेक इन इंडिया को साकार करने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों का भी विश्लेषण विशेषज्ञ लेखकों द्वारा किया गया है।Innovation, Kanoon Aur Garibi: इनोवेशन, कानून और गरीबी
Par Robert D. Cooter and Hans-Bernd Schafer. 2020
कैसे कानून नवाचार (इनोवेशन), विकास, गरीबी पर असर डालते हैं और राष्ट्र गरीब व अमीर बनते हैं। कूटर व शेफर…
बताते हैं कि इनोवेटर की पूँजी की समस्याओं का हल भी बेहतर कानून कर सकते हैं, जिसे वे विश्वास की दोहरी समस्या कहते हैं तथा इसके समाधान सुझाते हैं। कानून व अर्थशास्त्र के संयुग्मित विचार विश्व की गहनतम समस्याओं के हल की समझ देते हैं। यह पुस्तक राष्ट्रों की गरीबी पर ही नहीं, वरन् उसके नागरिकों की विकास की आकांक्षाओं के लिए कानूनी व इनोवेटिव विचारों को ऊर्जा देती है। भारत में बेहतर कानूनी ढाँचागत व्यवस्था व नवाचार की ऊर्जा है। अतः यह पुस्तक भारतीय पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।